Old Pension: इन राज्यों में पुरानी पेंशन योजना हुई लागू, सरकारी खजाने पर बढ़ा बोझ, जानें कितनी बढ़ी पेंशन
https://www.apnamistri.in/2022/10/Old pension scheme.htmlOld Pension Scheme States In India: देश के कुछ राज्यों में पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) लागू हो गई है, जिसके बाद इन राज्यों के सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ गया हैं. इस बारे में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने राज्यों पर अपनी नई सांख्यिकी हैंडबुक-2022 जारी कर दी हैं. पुरानी पेंशन योजना में वापस जाने वाले राज्यों में कर्मचारियों की पेंशन के आंकड़े बताये गए हैं. वही दूसरी और जिन राज्यों में पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं हैं, वहां एक बार फिर से बहस शुरू हो गई है.इन राज्यों में हुई लागू https://www.apnamistri.in/2021/11/Haryana sarkar karmchari holiday rule.html
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, पुरानी पेंशन योजना को लागू करने वाले राज्यों में कांग्रेस शासित राजस्थान और छत्तीसगढ़ राज्य शामिल हैं. वही पंजाब राज्य भी हैं, जहां अभी आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार है. साथ ही झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने भी ओपीएस में वापसी का वादा किया हैं. ये राज्य ओपीएस में वापस आ गए हैं. जबकि हिमाचल प्रदेश और गुजरात में विधानसभा के चुनाव चल रहे है, इस बीच इन राज्यों में जनता से कांग्रेस और आप पार्टी ने ओपीएस में वापसी का वादा कर दिया है.
राजस्थान में बना पहला राज्य, 16 गुना बढ़ा बोझ
कांग्रेस के शासन में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ओपीएस को लागू कर पहला राज्य बन गया हैं. इसका पेंशन बिल लगभग 16 गुना बढ़ गया है. वर्ष 2004-05 में केवल 19 फीसदी की तुलना में 2020-21 में अपने स्वयं के कर राजस्व का 28 फीसदी छीन लिया. वर्ष 2008-09 और 2018-19 के बीच राज्य के कर्मचारियों की संख्या में 70 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है, जो आने वाले दशकों में लगातार बढ़ते पेंशन बिल का संकेत दे रहा हैhttps://www.apnamistri.in/2020/11/electric-control-panel-working-capacity.html
क्या हैं स्थिति
इतना हैं पेंशन बिल
वर्ष 2004-05: 1,626 करोड़ रु
वर्ष 2021-22: 25,473 करोड़ रुपये
खर्च में वृद्धि: 15.66 गुना
पुरानी पेंशन योजना में राजस्व कर
वर्ष 2004-05: 8,415 करोड़ रु
वर्ष 2021-22: 90,050 करोड़ रुपये
खर्च में वृद्धि: 10.70 गुना
छत्तीसगढ में 12 गुना बढ़ा पेंशन बिल
छत्तीसगढ़ का पेंशन बिल पिछले 16 वर्षों में, 12 गुना से बढ़ गया है. लेकिन राज्य के कर राजस्व में उसी अनुपात में वृद्धि नहीं हुई है. यह सिर्फ 7.97 गुना बढ़ा है. पेंशन आवंटन, जिसने 2004-05 में अपने ओटीआर का 16.5 प्रतिशत छीन लिया, अब 25.66 प्रतिशत ले लेता है. इसकी कर्मचारियों की संख्या 2008-09 में 42,895 से मामूली रूप से घटकर 2018-19 में 40,497 हो गई है.
क्या हैं स्थिति
इतना हैं पेंशन बिल
वर्ष 2004-05: 534 करोड़ रु
वर्ष 2021-22: 6,609 करोड़ रुपये
खर्च में वृद्धि: 12.37 गुना
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पुरानी पेंशन योजना में राजस्व कर
वर्ष 2004-05: 3,228 करोड़ रु
वर्ष 2021-22: 25,750 करोड़ रुपये
खर्च में वृद्धि: 7.97 गुना
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